Mahakal Lok A Sacred Destination Near Indore- महाकाल लोक इंदौर के पास एक पवित्र स्थान

जय श्री महाकाल दोस्तों क्योकि हम सबसे पहले महाकाल के भक्त है! तो चलिए आज हम जानेगे Mahakal Lok A Sacred Destination Near Indore (महाकाल-लोक इंदौर के पास एक पवित्र स्थान) के बारे कुछ ऐसे जानकारी जो सभी को जानना बहुत जरुरी है! हम जानेंगे महर्षि वाल्मीकि के बारे में की उन्होंने कैसे उज्जैन में रामायण की रचना करि थी! वाल्मीकि जयंती 20-Oct को आती है! और हम जानगे की उज्जैन का प्राचीन नाम क्या था! क्षिप्रा नदी के बारे में जानेगे और भी रोचक बाते जो सभी को जानना बहुत जरुरी है! साथ ही हम जानेगे की आप अगर इंदौर में हो तो महाकाल लोक कैसे आप जा सकते हो तो चलिए जानते है!

Mahakal Lok A Sacred Destination Near Indore- महाकाल लोक इंदौर के पास एक पवित्र स्थान


Mahakal Lok A Sacred Destination near Indore- महाकाल लोक इंदौर के पास एक पवित्र स्थान

आज हम जानेगे उज्जैन के रहस्य के बारे में महर्षि वाल्मीकि जी ने उज्जैन में ही एक आसन पर बैठकर रामायण महाकाव्य की रचना लिखी थी! उनको महादेव का आशीर्वाद प्राप्त था! इसका वर्णन स्कन्द पुराण में 27 वे अध्याय के एक उपाख्यान में मिलता है! Dr. पियूष त्रिपाठी ने महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था में यहाँ दावा किया है! Dr. पियूष त्रिपाठी ने महर्षि वाल्मीकि के भी जीवन के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है! बहुत कम लोग ही जानते है की महर्षि जी कभी उज्जैन आये थे! और उज्जैन की भूमि से भू उनका नाता रहा है! स्कंदन पुराण में उल्लेख है की महर्षि वाल्मीकि तपस्या और स्वाध्याय किया करते थे!

1) महर्षि वाल्मीकि का जन्म

पूर्णिमा तिथि में अश्विन मास के दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था! सनातन धर्म के कुछ मान्य पंचांगों के अनुसार इसलिए प्रत्येक वर्ष वाल्मीकि जयंती 20-Oct के दिन मनाई जाती है! वाल्मीकि जी ने और भी बहुत सी रचना लिखी है! इसलिए उनकी जयंती सभी जगह आज भी बनायीं जाती है!

2) उज्जैन का पुराण नाम

उज्जैन का पुराण नाम कूलस्थली था! वाल्मीकि जी ने कूलस्थली में आकर ही भगवान् महाकाल की आराधना की और वे कवित्व को प्राप्त हुए! और उन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना की वाल्मीकि जी का यहाँ स्थान आज भी उज्जैन में क्षिप्रा के घाट पर वाल्मीकि धाम के नाम से स्थापित है!

3) योग साधना से लिखा महाकाव्य

महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना करते हुए योग की भी रचना की थी हम सबको भी महर्षि जी के योग को अपने जीवन में अपनाना चाहिए हमे भी महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए! पुराणिक योग से ही नए योग का निर्माण हुआ है! इसी तरह वाल्मीकि जी ने योग के द्वारा महाकाव्य की रचना की थी!

4) इंदौर से उज्जैन महाकाल लोक कैसे जाये

अगर आप इंदौर से उज्जैन जाना चाहते है तो सबसे पहले आपको Aurobindo-Hospital तक आना होगा और वह से आपको उज्जैन रोड मिल जायेगा! उज्जैन जाते हुए आपको बीच में सांवेर भी आता है! इंदौर से उज्जैन की दुरी लगभग 55 km है! आप बड़ी सुगमता से उज्जैन जा सकते है! अगर आप विजय नगर पर हो तो आपको एयरपोर्ट रोड पकड़ना पड़ेगा! उसके बाद उज्जैन रोड वही अगर आप मरीमाता तरफ भी हो तो आपको एयरपोर्ट रोड पकड़ना पड़ेगा!

5) Mahakal Lok का शुभारभ

महाकाल लोक का शुभारभ 2022 में श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था! महाकाल लोक एक बहुत की खूबसूरत लोक बनाया गया जिसमे महाकाल के विभिन्न स्वरुप की कलाकृति बनायीं गयी है! जो आपके मन को मोह लेती है और आप खुद भी महाकाल को अपने आप में महसूस कर सकते है! बहुत से मंत्र भी लिखे हुए है! जो आपका मन मोह लेते है! और आपको एक मंत्र भी सुनाई देता है! जिसे सुनकर आप महादेव की भक्ति में खो जाते हो अगर आप भी अभी तक महाकाल लोक नहीं गए हो तो जरूर जाईये और महादेव का आशीर्वाद लीजिये!

Conclusion

दोस्तों आज हमने Mahakal Lok A Sacred Destination Near Indore (महाकाल-लोक इंदौर के पास एक पवित्र स्थान) के बारे में जाना जो सबके के लिए जानना बहुत जरुरी है! और हम सभी को जय श्री महाकाल भी बोलना चाहिए क्योकि देवो में देव सिर्फ महादेव है! उज्जैन एक दार्शनिक स्थान है यहाँ हर 12 साल में कुंभ का मेला भी लगता है मान्यता है की जब अमृत गया था तो उज्जैन की क्षिप्रा नदी में भी गिरा था! और तभी से महाकाल उज्जैन का स्थान बना है! उज्जैन सबसे पवन नगरी है! हम सभी को महाकाल के दर्शन करने अवश्य जाना चाहिए!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.